रोहित शर्मा फिलहाल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट से बाहर रहेंगे। पर्थ टेस्ट से पहले वह अब तक भारत से रवाना नहीं हुए हैं और अपनी बेटी समायरा, पत्नी रितिका सजदेह, और नवजात बेटे के साथ मुंबई में हैं। उनके इस फैसले को लेकर कई प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। हालांकि, माइकल क्लार्क ने उनके इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि टेस्ट मैच तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन जीवन में कुछ मौके ऐसे होते हैं जो केवल एक बार मिलते हैं।
साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया को वनडे विश्व कप का खिताब दिलाने वाले कप्तान माइकल क्लार्क ने पिता बनने के अनुभव को सबसे बड़ी खुशी बताया। उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए कहा, “मेरे जीवन का सबसे खुशी भरा दिन वह था, जब मेरी बेटी का जन्म हुआ। यह खुशी किसी टेस्ट मैच की जीत या यहां तक कि विश्व कप से भी ज्यादा बड़ी है। परिवार हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए। टेस्ट मैच तो फिर से खेले जा सकते हैं, लेकिन ऐसे पल जीवन में कभी-कभी आते हैं।”
माइकल क्लार्क ने यह भी माना कि पर्थ टेस्ट में रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी टीम के लिए एक चुनौती होगी, खासकर उनकी बल्लेबाजी और नेतृत्व क्षमता के मामले में। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि वे रोहित की जगह होते, तो भी अपने परिवार के साथ रहना ही चुनते। उन्होंने कहा, “बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में रोहित शर्मा की कमी महसूस होगी, उनकी कप्तानी की भी जरूरत थी। लेकिन अगर मैं उनकी जगह होता, तो मैं भी यही करता।”
रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में जसप्रीत बुमराह कप्तानी की जिम्मेदारी संभालेंगे। रोहित के पिंक बॉल टेस्ट से पहले टीम में शामिल होने की संभावना है और उससे पहले वह दो दिवसीय वॉर्मअप मैच भी खेलेंगे।
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